इंद्रजाल कोमिक्स , Indrjaal Comics

LeeFalk3_thumb[5]     ली फौक ( २८ अप्रैल १९११ – १३ मार्च १९९९ )  नाम के सज्जन ने  वेताल  एवं मैन्ड्रेक नामक  कालजई  चरित्रों की रचना की. वैसे  तो ये सज्जन कार्टून स्ट्रिप और  अपनी अभिनय शमता के लिए जाने गये , मै  तो  इन्हें एक महान इतिहासकार  मानता हूँ . एक  ऐसे इतिहासकार  जिन्होंने कोलम्बस की अमेरिका की खोज के समय से प्रारम्भ कर  – हमे दिया  आज का  २१वीं पीड़ी का  –  वेताल  ……….

    कल्पना की उड़ान  भविष्य में तो सभी भरते है – पंखो को उलटा फडफडा के अतीत की कल्पना का नाम है  ‘इंद्रजाल कॉमिक्स ‘.

–  *  –The skull oath

३ अगस्त १४९२ : क्रिस्टोफर कोलम्बस स्पेन से रवाना हुआ . जहाज पर था ऐक नौजवान  मेहनती खलासी  ‘क्रिस्टोफ़र वाकर ‘. कालांतर में यही वाकर स्वयम कप्तान बना  और अपने पुत्र वाकर जूनियर के साथ व्यपारिक यात्राओं पर  निकलने लगा .

१६ फरवरी  १५३६ : समुद्री लुटेरो का हमला . जूनियर ने अपने पिता को मारे जाते देखा . लहरों ने जूनियर को ‘डेन्काली’ के समुन्द्र तट पर ला पटका . बांदर बोनों के सरदार ‘गुर्र्न’ ने उसे बचाया . किनारे लगे एक लुटेरे के शव की खोपड़ी को उठा कर जूनियर ने जीवन पर्यंत अन्याय के खिलाफ लड़ने की सौगंध खाई – और बन गया  –   ‘वेताल’ – चलता फिरता प्रेत .

   मार्च १९६४ से प्रारम्भ हुई इस इंद्रजाल कॉमिक्स कि यात्रा ने पूरे छब्बीस वर्षों तक पूरे हिंदुस्तान को अपने जादू में जकड़े रखा| कितने ही दीवाने सुध-बुध भूल कर उस अद्भुत और रहस्यमय दुनिया में खोये रहे जो बिखरी थी इसके पन्नों की निराली छठा में| कुल ८०३ अंक प्रकाशित हुए जिनमें से आधे से ज्यादा में सर्वप्रिय नायक वेताल की कहानियाँ थीं| ली फाक के रचे इस शानदार चरित्र की गाथाएं दुनिया के अस्सी से भी अधिक देशों में एक साथ प्रकाशित होती थीं| ली फाक का ही एक अन्य चरित्र मैन्ड्रेक भी लोकप्रियता में कोई पीछे नहीं था|

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ये कहानियां हैं इसी पीड़ी के २१ वें वेताल की .