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हे गरीब तू गरीब ही रहना –
पà¥à¤°à¤¿à¤¯ गरीब ,
  पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® . आशा करता हूठकी आप सब गरीबी में , दो वकà¥à¤¤ की रोटी जà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‡ के पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ में ख़à¥à¤¶à¥€ ख़à¥à¤¶à¥€ जीवन निरà¥à¤µà¤¾à¤¹ कर पा रहे होंगे . आप लोगों को बस à¤à¤• à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ दिलाना है की आप चिंता बिलकà¥à¤² à¤à¥€ ना करें. आप इस समाज व राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के लिठà¤à¤• अतà¥à¤¯à¤‚त आवयशक अंग है. आप निशà¥à¤šà¤¿à¤¨à¥à¤¤ रहे . समाज का हर वरà¥à¤— आपको इस सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में बनाये रखने को तन मन धन से पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¦à¥à¤§ है.
      मै मंदिर से निकलूं , बाहर आप लोग कतार में बैठे दिख जाते हो , मन पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ हो जाता है. आहा , अब मै अपने पाप इन सब में थोड़ा थोड़ा बाà¤à¤Ÿ पाउà¤à¤—ा. पà¥à¤¨à¥à¤¯ कोई नहीं बाटता . पà¥à¤¨à¥à¤¯ कमाने को ही तो मै मंदिर गया था . à¤à¤¸à¥‡ कैसे बाà¤à¤Ÿ सकता हूà¤. गरीब की सेवा करने से पà¥à¤¨à¥à¤¯ मिलता है.
इसीलिठआप मेरी और मेरे पूरे समाज की आवकà¥à¤¶à¥à¤¯à¤¤à¤¾ हो . जà¥à¤— जà¥à¤— जियो और à¤à¤¸à¥‡ ही गरीब बने रहो.
        ‘गरीबों की सà¥à¤¨à¥‹ , वो तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ सà¥à¤¨à¥‡à¤—ा.
              तà¥à¤® à¤à¤• पैसा दोगे वो दस लाख देगा.’
  इस गीत को à¤à¤œà¤¨ कीरà¥à¤¤à¤¨ में à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— में लाया जाता रहा है.
हे मेरे गरीब सखा , यहाठà¤à¥€ आपकी आवशà¥à¤¯à¤•ता है. मेरे à¤à¤• पैसा देने से ,हे मितà¥à¤° , मà¥à¤à¥‡ दस लाख मिलने की समà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है. मै अकà¥à¤¸à¤° à¤à¤• दो रूपये देता रहता हूठ. तेरा à¤à¤²à¤¾ हो न हो , मेरा तो हो ही रहा है . वैसे अगर ये à¤à¤• के दस करने का आफ़र न होता तब तो मै ये à¤à¤• पैसा न देने वाला था. खैर यह सब à¤à¥€ सिरà¥à¤« आपकी बदौलत ही संà¤à¤µ है .
इसीलिठआप मेरी और मेरे पूरे समाज की आवकà¥à¤¶à¥à¤¯à¤¤à¤¾ हो . जà¥à¤— जà¥à¤— जियो और à¤à¤¸à¥‡ ही गरीब बने रहो.
        ‘ à¤à¤—वान जब देता है तो छपà¥à¤ªà¤° फाड़ के देता है.’
धनà¥à¤¯ हो आप , मेरे गरीब पालनहारा ! छपà¥à¤ªà¤° आपका फटता है और किसी पकà¥à¤•ी छत वाले की à¤à¤• मंजिल और चॠजाती है. आपकी रही सही पूंजी छपà¥à¤ªà¤° ठीक करवाने में लग जानी है , गरीबी में आटा गीला : हम जैसों के लिठसेवा कर लाठकमाने का सà¥à¤…वसर.
    इसीलिठआप मेरी और मेरे पूरे समाज की आवकà¥à¤¶à¥à¤¯à¤¤à¤¾ हो . जà¥à¤— जà¥à¤— जियो और à¤à¤¸à¥‡ ही गरीब बने रहो.
‘ तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡ à¤à¥‹à¤œà¤¨ बाà¤à¤Ÿ , मै पà¥à¤¨à¥à¤¯ कमाऊ ,
तà¥à¤à¥‡ à¤à¤• दे , मै लाख पा जाऊ ,
तेरा छपà¥à¤ªà¤° फटे , मै छत बनवाऊ ,
तेरा हमदरà¥à¤¦ बन , इलेकà¥à¤¶à¤¨ जीत जाऊ ,
हे गरीब , तà¥à¤® ही मेरे लिठà¤à¤—वन हो.
हे दरिदà¥à¤°à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ कहीं चले न जाना,
दरिदà¥à¤° ही रहना , नारायण का दरà¥à¤œà¤¾ पाना ‘
  हे मितà¥à¤° . अगर आपको इस अवसà¥à¤¥à¤¾ में बनाये रखने के हमारे अथक पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ में आपको किसी à¤à¥€ तà¥à¤°à¥à¤Ÿà¥€ का आà¤à¤¾à¤¸ हो तो कृपया निसंकोच बताà¤à¤‚ .कितनी मेहनत से आपके दिमाग बैठाया की ‘ पैसा ही सारी बà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ की जड़ है ’ . पैसे वालों को आपके सà¥à¤° में सà¥à¤° मिला कर खूब कोसा. ‘ खून पसीने की मिलेगी तो खायेंगे ….’ आपके दिमाग में à¤à¤° कर ही तो हम ठंडी ठंडी हवा में बैठतर माल उड़ाते हैं. सच में , हे पà¥à¤°à¤à¥ , तेरे शà¥à¤°à¤® का कोई मोल नहीं. मेरे हिसà¥à¤¸à¥‡ का à¤à¥€ तू ही कर – मोल तो तेरा कà¥à¤› है ही नहीं, अनमोल है तू , पैसों की तो बात ही ना कर, गरीब ही बना रह और याद रख की à¤à¤• ना à¤à¤• दिन किसान मजदूर का राज आयेगा – हम तेरे साथ हैं तà¥à¤à¥‡ गरीब बनायें रखने के लिà¤.
हाठ, बस , आपके हित की à¤à¤• और बात – पैसे से ख़à¥à¤¶à¥€ नहीं खरीदी जा सकती . ये जो अमीर लोग हैं ना – ये अनà¥à¤¦à¤° से खà¥à¤¶ नहीं होते .
सो मेरे दरिदà¥à¤°à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ तेरे पास जो अनà¥à¤¦à¤° वाली ख़à¥à¤¶à¥€ है , वह सिरà¥à¤« गरीबी से ही आती है .
इसीलिठआप मेरी और मेरे पूरे समाज की आवकà¥à¤¶à¥à¤¯à¤¤à¤¾ हो . जà¥à¤— जà¥à¤— जियो और à¤à¤¸à¥‡ ही गरीब बने रहो.
      हमारा समाज à¤à¤µà¤‚ धरà¥à¤® हमेशा से गरीबों को इसी छलावे से बहलाता फà¥à¤¸à¤²à¤¾à¤¤à¤¾ रहा है. गरीबी का महिमामंडन इस देश की सबसे ‘महान’ तà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤¦à¥€ रही है . समाजवाद à¤à¤µà¤‚ सामà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ के लिठयह छलावा à¤à¤• मूलà¤à¥‚त आवशà¥à¤¯à¤•ता रहा है. ये दोनों ‘वाद’ अपने आप को आधà¥à¤¨à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤—तिशील साबित करने के लिà¤Â तथाकथित बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ (à¤à¤¾à¤°à¤¤ देश में बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¥€ कहलाने की पहली शरà¥à¤¤ जनà¥à¤®à¤œà¤¾à¤¤ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ का और इसमें किसी à¤à¥€ परिवरà¥à¤¤à¤¨ का à¤à¥€Â विरोधी होना है ) के लिà¤Â अति सहायक रहे हैं. इस वरà¥à¤— के लिठविचारधारा का लबादा अपने वरà¥à¤šà¤¸à¥à¤µ को बनाये रखने का à¤à¤• माधà¥à¤¯à¤® है और कà¥à¤› नहीं. हर कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में समानता के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ ने गरीबों को हमेशा हमेशा के लिठसरकार पर निरà¥à¤à¤° बना डाला .सरकारें इनकी गरीबी तो कà¤à¥€ मिटा नही सकती , पर हाठइनका हमदरà¥à¤¦ होने का दिखावा अवशà¥à¤¯ कर सकती है.
à¤à¤• कहावत कहीं पड़ीं थी : ‘ अगर आप पà¥à¤°à¤¤à¤¿ दिन à¤à¤• ही रासà¥à¤¤à¥‡ पर चलेगें तो आपको पहà¥à¤‚चेगे à¤à¥€ उसी à¤à¤• मंजिल पर.’
चलते रहे à¥à¥¦,à¥à¥« साल तक उसी à¤à¤• ‘समाजवाद ‘ के रासà¥à¤¤à¥‡ पर – मंजिल à¤à¥€ वही रही – अमीरी और गरीबी के बीच बढती खाई. रासà¥à¤¤à¤¾ बदलना होगा . विनोबा à¤à¤¾à¤µà¥‡ जी के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° : ‘अ सरकार , असरकार .’
  हर काम के लिठसरकार पर निरà¥à¤à¤°à¤¤à¤¾ से सिरà¥à¤« और सिरà¥à¤« अकà¥à¤¶à¤²à¤¤à¤¾, अकरà¥à¤®à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¾ ही हाथ आनी है – काम होते रहेंगें पर घिसट घिसट के , कà¥à¤¶à¤²à¤¤à¤¾ से कोसों दूर.
राह जलà¥à¤¦à¥€ ही बदलेगी.
अंत में : गरीबी à¤à¤µà¤‚ असहायता पूरà¥à¤£à¤¤à¤¯à¤¾ à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ हैं . इन दोनों को à¤à¤• ही नज़र से ना देखें.
****** राजीव.
०४ जून २०२०
extremely entertaining